Rishab pant : 7 मई को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ हुए मैच मैं दिल्ली की टीम तय समय मैं 20 ओवर पूरा नहीं कर पाई थी, आपको बता दे की इस मैच के पहले भी Rishab pant पे दो बार स्लो ओवर रेट के चलते लाखो के जुर्वाना लग चुके हैं, और इस मैच मैं रिशव पन्त के तीसरी गलती थी
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Rishab pant दिल्ली टीम के केप्टन हैं और एक मैच मैं रिशव पन्त का न होना दिल्ली टीम के लिए बहुत बड़ी चुनोती हैं, दिल्ली टीम को एक मैच जो की रॉयल चेलेंजेर बंगुलुरु के साथ होनी हैं वो रिशव पन्त के बिना ही खेलनी होगी, ये मैच दिल्ली टीम के लिए बहुत ही इम्पोर्टेन्ट मैच हो ने वाली हैं
Rishab pant पे कियो लगा बेन
आपको बता दे की रिशव पन्त को जो पहले दो जुर्माने लगे थे वो उसके स्लो ओवर रेट के चलते थे, इस मैच मैं भी उसके स्लो ओवर रेट के चलते हलाकि ये उसकी तीसरी गलती थी इस बार उसे एक मैच के बेन कर दिया हैं और साथ ही 30 लाख का जुर्वाना भी लगाया गया हैं, और टीम के बाकि सदस्यों पर भी 12 लाख या उसकी मैच फीस इन दोनों मैं से जो रकम कम को वो जुर्वाना लगाया गया हैं
यह मैच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में 7 मई 2024 को हुआ था. दरअसल, पंत ने मिनिमम ओवर रेट से संबंधित ऑफेंस के तहत आईपीएल के कोड ऑफ कंडक्ट के तहत पंत की टीम का इस सीजन का यह तीसरा अपराध था, इसलिए ऋषभ पंत पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया और एक मैच के लिए बैन किया गया
ऋषभ पंत रविवार, 12 मई को आरसीबी के खिलाफ अपने महत्वपूर्ण मैच में डीसी के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। पंत को धीमी ओवर गति के कारण इंडियन प्रीमियर लीग द्वारा एक गेम के लिए निलंबित कर दिया गया है। डीसी टीम को पंत की भारी कमी खलेगी जो अभी भी प्लेऑफ की दौड़ में हैं
आईपीएल में ऐसे लगता है स्लोओवर रेट होने पर जुर्माना
आईपीएल की स्लो ओवर रेट से संबंधित आचार संहिता के तहत यदि किसी टीम के कप्तान से पहला अपराध होता है तो उस पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. अगर किसी आईपीएल सीजन में दूसरी बार उस कप्तान से स्लो ओवर रेट का अपराध होता है,तो 24 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. यदि तीसरी बार गलती हुई, तो कप्तान पर एक मैच का बैन और 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है.
आईपीएल कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 8 के अनुसार, दिल्ली कैपिटल्स ने मैच रेफरी के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी इसके बाद अपील को समीक्षा के लिए बीसीसीआई लोकपाल के पास भेजा गया. लोकपाल ने इसके बाद इस मामले की वर्चुअल सुनवाई की. इसके बाद मैच रेफरी का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी माना गया.
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